लोकपाल के मुद्दे पर अपने 12 दिन के अनशन के जरिए पूरे देश में जनांदोलन खड़ा करने के बाद अन्ना हज़ारे ने संकेत दिए हैं कि वह चुनाव सुधार और किसानों के हितों जैसे मुद्दों पर अपना अगला आंदोलन शुरू कर सकते हैं। अन्ना ने कहा कि उन्होंने अनशन तोड़ा नहीं बल्कि स्थगित किया है। उन्होंने कहा कि अनशन सही मायने में तब टूटेगा जब जन लोकपाल के सभी मुद्दों पर हमें जीत मिल जाएगी।
हज़ारे ने रामलीला मैदान पर अपना अनशन तोड़ने के बाद समर्थकों से कहा, 'मैंने अनशन तोड़ा नहीं बल्कि स्थगित किया है।' उन्होंने कहा, 'जन लोकपाल के विषय में सिर्फ तीन मुद्दों का हल निकला है। बाकी मुद्दों पर जीत मिलने तक हमें अपनी आवाज बुलंद रखनी होगी। जब हमें इन मु्द्दों पर जीत मिलेगी, तभी सही मायने में मेरा अनशन टूटेगा।'
अन्ना ने कहा, 'यह लड़ाई परिवर्तन की है। यह लड़ाई की शुरुआत भर है। जब तक पूरा परिवर्तन नहीं आ जाता तब तक हमें यह मशाल जलाए रखनी होगी। हमें चुनाव व्यवस्था को बदलना होगा। हमें मतदाताओं को अपने प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और नापंसद करने के अधिकार देने के बारे में सोचना होगा।'
अन्ना ने अपने संबोधन में देश के किसानों की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि देश में किसानों की स्थिति अच्छी नहीं है। किसानों को उनकी मेहनत के बदले में उचित धन नहीं मिलता। स्थिति ऐसी है कि 'माल खाए मदारी और नाच करे बंदर'।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी लोगों ने दुकानें खोल रखी हैं। हमें शिक्षा व्यवस्था को भी बदलना होगा। हज़ारे ने कहा कि जब तक ये सभी मसले हल नहीं हो जाते तब तक सही मायने में उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा क्योंकि यह लड़ाई परिवर्तन की है।
किरण बेदी ने भी शनिवार को यह सवाल उठाया था कि एक बार जनता द्वारा अपना प्रतिनिधि चुन लिए जाने के बाद क्या वह पांच वर्ष के लिए जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता है।
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